श्री भरत-कथामृत

श्री रामचरित मानस के अनुसार जो श्री राम का भी भगवान है, जिसे रामजी स्वयं स्मरण व मनन करते हैं "जग जप राम-रामु जपु जेही" ऐसे भाव भक्ति के प्रत्यक्ष प्रेममूर्ति श्री भरतजी के चरित्र पर आधारित यह ग्रंथ स्वयं में आत्म विभोर व आह्वादित कर देने वाला ग्रंथ है। विभिन्न ग्रंथों, रामायणों, पुराणों की अलौकिक कथाओं के संकेत व प्रमाण के साथ सुंदर अभिव्यंजना में श्री भरत जी का पावन व भक्तिमय चरित्र इस ग्रंथ में वर्णित है। यह ग्रंथ भ्रात प्रेम की अनूठी शैली व विरासत को प्रस्तुत करता हुआ अलौकिक व अनूठा तथा सहज ही पाठक को भाव विभोर करने वाला ग्रंथ है। इसमें संपूर्ण श्री भरत चरित्र का सजीव वर्णन प्रामाणिक तथ्यों सहित वर्णित है।